Sharir ki susti kaise dur kare !! शरीर की सुस्ती कैसे दूर करे

Sharir ki susti kaise dur kare

Sharir ki susti kaise dur kare


क्या आप वाकई में अपने शरीर से सुस्ती को मिटाना चाहते है या फिर अपने शरीर से अलसी को दूर करना चाहते है? इन सभी का समाधान आज आपको यहां पर जरूर मिल जायेगा। अलाश्य हमारे शरीर का एक ऐसा रोग है जो न तो कमाने देता है और न ही हमारा परिवार सुख से रह पाते है। यह हमारे शरीर में दिन प्रतिदिन अनेकों प्रकार के बीमारियां पैदा करते रहता है। 
यह हम अलसी से मुक्ति के उपाय बताने वाले है। आप यह लेख पूरी तरह से ध्यान लगाकर नीचे दी गई कहानी के माध्यम से समझते है। उसके बाद इसका कुछ उपाय नीचे बताएंगे।

अलश्य से छुटकारा पाने की कहानी:

एक समय की बात है, एक गांव में एक किसान रहता था। एक बार जब उसने अपने खेत में फसल लगाया तब एक गौरैया ने उसके फसल के बीचों बीच अपना घोंसला बनाया। उस गौरैया ने बहुत जल्द उस घोंसले में अपने अंडे दिए। बहुत जल्द ही उस अंडे से बच्चे बाहर आ गए और अपनी मां के साथ खुशी खुशी रहने लगे। गौरैया खाने की तलाश में रो जंगल जाया करती थी। एक दिन खाना लेकर अपने बच्चो के पास आयी तो उसने देखा उसके बच्चे डरे हुए थे। उसने बच्चो से पूछा बच्चो क्या हुआ तुम इतने डरे हुए क्यों हो? तब उसके बच्चे ने जवाब दिया मां, आज खेत में किसान आया था उसने कहा की कल अपने बेटे को खेत में फसल काटने के लिए कहा। तब गौरैया ने अपने बच्चो से कहा तुम सब डरी मत कल कोई नही आयेगा। दूसरे दिन जैसा गौरैया ने कहा उस दिन कोई नही फसल काटने के लिए आया। इसी तरह कुछ दिन गुजर गए। उस वक्त गौरैया के बचे उड़ भी नही पता था। एक दिन फिर जब गौरैया खाना लेकर अपने बच्चे के पास आया तो उसने देखा उसके बच्चे फिर से डरे हुए थे। उसने अपने बच्चो से पूछा बच्चो आज तुम फिर डरे हुए क्यों हो। इसपर बच्चे ने जवाब दिया मां, आज फिर किसान आया था। उसने कहा अपने मजदूरों से कहा कल फसल काटने के लिए आयेगा। अब क्या होगा? इसपर गौरैया ने कहा चिंता मत करो बच्चो कल कोई नही आयेगा। इसी तरह दूसरे दिन कोई नही आया। कुछ दिन खुशी खुशी गौरैया और उसके बच्चे अपना जीवन व्यतीत करने लगे। एक दिन फिर गौरैया अपने बच्चो को डरा इया देखा। गौरैया ने फिर पूछा बच्चो आज फिर तुम सब इतने डरे हुए क्यों हो क्या किसान फिर आया था। बच्चो ने कहा हां। किसान ने क्या कहा ? बच्चो ने जवाब दिया इसबार किसान स्वय आयेगा फसल काटने को। इसपर गौरैया ने कहा अब चलाने का समय आ गया है। क्योंकि कि इसबार किसान ने स्वय आने का निर्णय लिया है तो जरूर आयेगा। जब तक किसान दूसरी पर निर्भर था तो उसका फसल काटने के लिए कोई भी नही आया अतः इसबार वह जरूर आयेगा।

सिख: 

इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है कि मनुष्य अलसी के कारण अपना काम स्वयं न करके दूसरो पर निर्भर रहता है जिसके वजह से उसका काम पूरा नहीं होता। जब तक हम स्वयं न करेंगे तो हम कभी आगे नहीं बढ पाएंगे। अगर किसान इसी तरह दूसरे पर निर्भर रहता तो उसका फसल नही कट पता। अतः जिस प्रकार किसान स्वय फसल काटने का निर्णय लिया तभी किसान का फसल कट पाया। अन्यथा उसका फसल बर्बाद हो जाता।

अलाश्य को दूर करने का उपाय क्या है?

अलाश्य को दूर करने का उपाय: 
  • अधिक से अधिक व्यायाम करे क्योंकि इससे शरीर में एडोर्फिन तत्व का निर्माण होता है। जो हमारे शरीर में ऊर्जा प्रदान करता है जिससे हमे आलस नही होता।
  • अधिक से अधिक पानी पिए। आप ठंडा पानी बिलकुल न पिए आप नॉर्मल पानी पिए जिससे एनर्जी मिल सके।
  • अलाश्य को दूर करने के लिए दिमाग को स्वस्थ होना अवस्यका है।

Conclusion:

यह हमने शिखा कि मनुष्य अलसी के कारण अपना काम स्वयं न करके दूसरो पर निर्भर रहता है जिसके वजह से उसका काम पूरा नहीं होता। जब तक हम स्वयं न करेंगे तो हम कभी आगे नहीं बढ पाएंगे। अगर किसान इसी तरह दूसरे पर निर्भर रहता तो उसका फसल नही कट पता। अतः जिस प्रकार किसान स्वय फसल काटने का निर्णय लिया तभी किसान का फसल कट पाया। अन्यथा उसका फसल बर्बाद हो जाता।

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